मुंबई आतंकी हमले का साजिशकर्ता और लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ हाफिज अब्दुल रहमान मक्की का पाकिस्तान में निधन

Mumbai terror attack conspirator and Lashkar-e-Taiba deputy chief Hafiz Abdul Rehman Makki dies in Pakistan

इस्लामाबाद: मुंबई आतंकी हमले (26/11) का साजिशकर्ता और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के डिप्टी चीफ हाफिज अब्दुल रहमान मक्की का शुक्रवार, 27 दिसंबर को पाकिस्तान में निधन हो गया। 69 वर्षीय मक्की को दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। बीते कुछ दिनों से मक्की बीमार था और उसका इलाज लाहौर के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। मई 2019 में, पाकिस्तान सरकार ने मक्की को गिरफ्तार कर लाहौर में नजरबंद कर दिया था।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित ‘वैश्विक आतंकवादी’
मक्की को 2020 में पाकिस्तान की एक अदालत ने आतंकी वित्तपोषण के मामलों में दोषी ठहराया था और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद, जनवरी 2023 में, मक्की को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित किया गया था। मक्की का नाम 26/11 मुंबई आतंकी हमले के लिए वित्तपोषण प्रदान करने में शामिल था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे। आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान 9 आतंकवादी मारे गए और एक आतंकवादी आमिर अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था।

मुंबई हमले के अलावा अन्य आतंकी गतिविधियों में भी था शामिल
मुंबई आतंकी हमले के अलावा, मक्की कई अन्य आतंकवादी गतिविधियों में भी शामिल रहा था। वह भारत में वांटेड आतंकवादी था, खासकर 22 दिसंबर 2000 को हुए लाल किला हमले में, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के 6 आतंकवादियों ने लाल किले पर हमला किया था और किले की सुरक्षा कर रहे सुरक्षाबलों पर गोलीबारी की थी।

शुजात बुखारी की हत्या में भी था शामिल
2018 में, मक्की का आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा वरिष्ठ पत्रकार और राइजिंग कश्मीर अखबार के प्रधान संपादक शुजात बुखारी और उनके दो सुरक्षा गार्डों की हत्या में भी शामिल था। बुखारी की हत्या कश्मीर में मीडिया की स्वतंत्रता और पत्रकारिता के लिए एक गंभीर हमला था।

हाफिज अब्दुल रहमान मक्की का आतंकवाद के क्षेत्र में कुख्यात नाम
हाफिज अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रमुख नेता था और पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के लिए एक महत्वपूर्ण चेहरा था। मक्की का नाम आतंकवादी गतिविधियों और भारतीय नागरिकों की हत्या में सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ था। उसकी मौत पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों से जुड़ी एक बड़ी घटना मानी जा रही है, और इस पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर बनी हुई है।

हाफिज अब्दुल रहमान मक्की की मौत के बाद, पाकिस्तान में उसकी आतंकवादी गतिविधियों पर ध्यान दिया जाएगा, लेकिन उसका पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर जो असर था, वह हमेशा रहेगा।

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